Thursday, December 31, 2020
Tuesday, July 28, 2020
अपनी शक्ति पहचानो तुम्हें स्वयं अपना रास्ता बनाना होगा. क्यों तुम लड़ती रहीं , जूझती रहीं ,चाहती रहीं ,बदलना मानसिकता औरों की। क्या फर्क है तुममें और उनमें मत जूझो न लड़ो ,न अपना समय बर्बाद करो। न बदलो किसी की मानसिकता ,उनकी धारणा ,हाँ बदलो अपनी वैचारिकता। बदलो अपने को शिक्षा से ,चिंतन मनन से ,कवच आत्म निर्भरता के स्वबल से। नारी होने के अहसास से ,कमजोर नहीं ,अधूरी नहीं प्रचंड शक्ति बनी रहो तुम. सम्पूर्णता पाओ अपने आत्म मंथन से,आत्म बल के नए विश्वास की डोर हो तुम। अपनी आक्षेप अवहेलना को न सहो,न दमन करो अपनी इच्छाओं का अब तुम। अपनी कमियों का दोष न डालो अब किसी पर , ढूंढो और दूर करो उसे तुम। समय बीत जाता है ,लौट कर नहीं आता ,शक्ति अपनी पहचानो तभी तो तुम , चौखट के बाहर आओगी ,उज्जवल रह बनाओगी ,उत्कृष्ट मंजिलों पर चलोगी। नयी राह चुनो ,स्वतंत्र उड़ान भरो ,देखो सामने ही तो दुनिया नई है मिलेगी।
अपनी शक्ति पहचानो
तुम्हें स्वयं अपना रास्ता बनाना होगा.
क्यों तुम लड़ती रहीं , जूझती रहीं ,चाहती रहीं ,बदलना
मानसिकता औरों की।
क्या फर्क है तुममें और उनमें मत जूझो न लड़ो ,न अपना समय बर्बाद करो।
न बदलो किसी की मानसिकता ,उनकी धारणा ,हाँ बदलो अपनी वैचारिकता।
बदलो अपने को शिक्षा से ,चिंतन मनन से ,कवच आत्म निर्भरता के स्वबल से।
नारी होने के अहसास से ,कमजोर नहीं ,अधूरी नहीं प्रचंड शक्ति बनी रहो तुम.
सम्पूर्णता पाओ अपने आत्म मंथन से,आत्म बल के नए विश्वास की डोर हो तुम।
अपनी आक्षेप अवहेलना को न सहो,न दमन करो अपनी इच्छाओं का अब तुम।
अपनी कमियों का दोष न डालो अब किसी पर ,
ढूंढो और दूर करो उसे तुम।
समय बीत जाता है ,लौट
कर नहीं आता ,शक्ति अपनी पहचानो तभी तो तुम ,
चौखट के बाहर आओगी ,उज्जवल
रह बनाओगी ,उत्कृष्ट मंजिलों पर चलोगी।
नयी राह चुनो ,स्वतंत्र
उड़ान भरो ,देखो सामने ही तो दुनिया नई है मिलेगी।
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